Telegram Group Search
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 12 जून 2024*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - षष्ठी शाम 07:16 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र - मघा रात्रि 02:12 जून 13 तक तत्पश्चात पूर्वफाल्गुनी*
*योग-    व्याघात शाम 05:16 तक तत्पश्चात वज्र*
*राहु काल -  दोपहर 12:38 से दोपहर 02:18 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:25*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से  दोपहर 01:07 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:19 जून 13 से रात्रि 01:00 जून 13 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण - स्कंद षष्ठी*
*विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹अहंकार, चिंता और व्यर्थ का चिंतन मिटाने का मंत्र*

*🔹अहंकार, चिंता और व्यर्थ का चिंतन साधक की शक्ति को निगल जाते हैं | इनको मिटाने के लिए एक सुंदर मंत्र योगी गोरखनाथजी ने बताया है | इसमें कोई विधि – विधान नहीं है | रात को सोते समय इस मंत्र का जप करो, संख्या का कोई आग्रह नहीं है | इस मंत्र से आपके चित्त की चिंता, तनाव, खिंचाव, दिक्कतें जल्दी शांत हो जायेगी और साधन – भजन में बरकत आयेगी | मंत्र उच्चारण में थोडा कठिन जैसा लगेगा लेकिन याद रह जाने पर आसान हो जायेगा | बाहर के रोग तो बाहर की औषधि से मिट सकते हैं लेकिन भीतर के रोग बाहर की औषधि से नहीं मिटेंगे और इस मंत्र से टिकेंगे नहीं |*

*🔹हमारी जो जीवनधारा है, जीवनीशक्ति है, चित्तशक्ति है उसीको उद्देश्य करके यह मंत्र है ।*

*🔹ॐ चित्तात्मिकां महाचित्तिं चित्तस्वरूपिणीं आराध्यामि चित्तजान रोगान शमय शमय ठं ठं ठं स्वाहा ठं ठं ठं स्वाहा |*

*🔹‘हे चित्तात्मिका, महाचित्ति, चित्तस्वरूपिणी ! मैं तेरी आराधना करता हूँ | जगत – शक्तिदात्री भगवती ! मेरे चित्त के रोगों का तू शमन कर |’*

*🔹‘ठं’ बीजमंत्र है, यह बड़ा प्रभाव करता है | किसीमें लोभ, किसीमें मोह, किसीमें शराब पीने का, किसीमें अहंकार का, किसीमें शेखी बधारने का दोष होता है | चित्त में दोष भरे है इसलिए तो चिंता, भय, क्रोध, अशांति है और जन्म – मरण होता है |*

*🔹इसके जप से आद्यशक्ति चेतना चित्त के दोषों को दूर कर देती है, चित्त को निर्मल कर देती है | सीधे लेट गये, यह जप किया | जब तक निद्रा न आये तब तक इसका प्रयोग करें | निद्रा आने पर अपने – आप ही छूट जायेगा | रात को जप करके सोने से सुबह तुम स्वस्थ, निर्भय, प्रसन्न होकर उठोगे |*

*🔹भगवान के मंत्र हों और भगवान को अपना मानकर प्रीतिपूर्वक जप करें तो चित्त भगवदाकार होकर भगवदरस से पावन हो जाता है | भगवदरस के बिना नीरसता नहीं जाती |*
*स्रोत – ऋषि प्रसाद –जुलाई २०१६ से*

*🔸वायु के सर्वरोग🔸*

*👉🏻 काली मिर्च का 1 से 2 ग्राम पाउडर एवं 5 से 10 ग्राम लहसुन को बारीक पीसकर भोजन के समय घी-भात के प्रथम ग्रास में हमेशा सेवन करने से वायु रोग नहीं होता।*

*👉🏻 5 ग्राम सोंठ एवं 15 ग्राम मेथी का चूर्ण 5 चम्मच गुडुच (गिलोय) के रस में मिश्रित करके सुबह एवं रात्रि को लेने से अधिकांश वायु रोग समाप्त हो जाते हैं।*

*👉🏻यदि वायु के कारण मरीज का मुँह टेढ़ा हो गया हो तो अच्छी किस्म के लहसुन की 2 से 10 कलियों को तेल में तलकर शुद्ध मक्खन के साथ मिलाकर, बाजरे की रोटी के साथ थोड़ा नमक डालकर खाने से मरीज का मुँह ठीक हो जाता है।*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 13 जून 2024*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - सप्तमी रात्रि 09:33 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*नक्षत्र - पूर्वफाल्गुनी प्रातः 05:08 जून 14 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*योग- वज्र शाम 06:06 तक तत्पश्चात सिद्धि*
*राहु काल - दोपहर 02:18 से दोपहर 03:58 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:25*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से  दोपहर 01:07 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:19 जून 14 से रात्रि 01:00 जून 14 तक*
*विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है एवं शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹करोडो गौ दान का फल🔹*

*सात धामों में द्वारका धाम । मोक्षदायी नगरियों में अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवन्तिका पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायका:||*

*और पश्चिम की तरफ सिर करके जो द्वारका का सुमिरन करते हुये स्नान करता है तो उसे करोडो गोदान फल मिलता है |*
*-पूज्य बापूजी द्वारका 23 अगस्त 2012*

*🔹बुरे व विकारी सपनों से बचाव🔹*

*रात्रि को सोने से पूर्व 21 बार 'ॐ अर्यमायै नमः' मंत्र का जप करने से तथा तकिये पर अपनी माँ का नाम लिखने से (स्याही-पेन से नहीं, केवल उँगली से) व्यक्ति बुरे एवं विकारी सपनों से बच जाता है।*

*🔹सर्वनेत्ररोगनिवारक, मेधा व दृष्टिशक्तिवर्धक त्रिफला रसायन कल्प*

*🔸यह रसायन त्रिदोषशामक, इंद्रिय बलवर्धक विशेषतः नेत्रोः के लिए हितकर है ।*
*इसके सेवन से दृष्टिमांद्य, रतौंधी, मोतियाबिंदू, काँचबिंदू आदि नेत्ररोगों से रक्षा होती है ।*

*🔸सेवन विधिः त्रिफला रसायन 11ग्राम मिश्रण सुबह-शाम गुनगुना पानी के साथ लें (बालकों के लिए मात्राः 6 ग्राम) । दिन में केवल एक बार सात्त्विक, सुपाच्य व अल्प लवणयुक्त भोजन करें । साधारण नमक की जगह सैंधव नमक का उपयोग करें । सुबह-शाम गाय का दूध ले सकते हैं । दूध व रसायन के सेवन में 2 घंटे का अंतर रखें । कल्प के दिनों में खट्टे, तले हुए, मिर्च-मसालेयुक्त व पचने में भारी पदार्थ निषिद्ध हैं केवल दूध-चावल अथवा दूध-रोटी का सेवन अधिक गुणकारी है ।*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 14 जून 2024*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - अष्टमी रात्रि 12:03 जून 15 तक तत्पश्चात नवमी*
*नक्षत्र - उत्तर फाल्गुनी पूर्ण रात्रि तक*
*योग- सिद्धि शाम 07:08 तक तत्पश्चात व्यतिपात*
*राहु काल - प्रातः 10:59 से दोपहर 12:40 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:26*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 01:07 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:19 जून 15 से रात्रि 01:01 जून 15 तक*
*व्रत पर्व विवरण - धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी*
*विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔷स्वास्थ्य प्रदायक स्नान विधि🔷*

*👉स्नान सूर्योदय से पहले ही करना चाहिए।*

*👉मालिश के आधे घंटे बाद शरीर को रगड़-रगड़ कर स्नान करें।*

*👉स्नान करते समय स्तोत्रपाठ, कीर्तन या भगवन्नाम का जप करना चाहिए।*

*👉स्नान करते समय पहले सिर पर पानी डालें फिर पूरे शरीर पर, ताकि सिर आदि शरीर के ऊपरी भागों की गर्मी पैरों से निकल जाय।*

*👉'गले से नीचे के शारीरिक भाग पर गर्म (गुनगुने) पानी से स्नान करने से शक्ति बढ़ती है, किंतु सिर पर गर्म पानी डालकर स्नान करने से बालों तथा नेत्रशक्ति को हानि पहुँचती है।' (बृहद वाग्भट, सूत्रस्थानः अ.3)*

*👉स्नान करते समय मुँह में पानी भरकर आँखों को पानी से भरे पात्र में डुबायें एवं उसी में थोड़ी देर पलके झपकायें या पटपटायें अथवा आँखों पर पानी के छींटे मारें। इससे नेत्रज्योति बढ़ती है।*

*👉निर्वस्त्र होकर स्नान करना निर्लज्जता का द्योतक है तथा इससे जल देवता का निरादर भी होता है।*

*👉किसी नदी, सरोवर, सागर, कुएँ, बावड़ी आदि में स्नान करते समय जल में ही मल-मूत्र का विसर्जन नही करना चाहिए।*

*👉प्रतिदिन स्नान करने से पूर्व दोनों पैरों के अँगूठों में सरसों का शुद्ध तेल लगाने से वृद्धावस्था तक नेत्रों की ज्योति कमजोर नहीं होती।*

*🔷स्नान के प्रकारः मन:शुद्धि के लिए-🔷*

*👉ब्रह्म स्नानः ब्राह्ममुहूर्त में ब्रह्म-परमात्मा का चिंतन करते हुए।*

*👉देव स्नानः सूर्योदय के पूर्व देवनदियों में अथवा उनका स्मरण करते हुए।*

*🔷समयानुसार स्नानः🔷*

*👉ऋषि स्नानः आकाश में तारे दिखते हों तब ब्राह्ममुहूर्त में।*

*👉मानव स्नानः सूर्योदय के पूर्व।*

*👉दानव स्नानः सूर्योदय के बाद चाय-नाश्ता लेकर 8-9 बजे।*

*👉करने योग्य स्नानः ब्रह्म स्नान एवं देव स्नान युक्त ऋषि स्नान।*

*👉रात्रि में या संध्या के समय स्नान न करें। ग्रहण के समय रात्रि में भी स्नान कर सकते हैं। स्नान के पश्चात तेल आदि की मालिश न करें। भीगे कपड़े न पहनें।। (महाभारत, अनुशासन पर्व)*

*👉दौड़कर आने पर, पसीना निकलने पर तथा भोजन के तुरंत पहले तथा बाद में स्नान नहीं करना चाहिए। भोजन के तीन घंटे बाद स्नान कर सकते हैं।*

*👉बुखार में एवं अतिसार (बार-बार दस्त लगने की बीमारी) में स्नान नहीं करना चाहिए।*

*👉दूसरे के वस्त्र, तौलिये, साबुन और कंघी का उपयोग नहीं करना चाहिए।*

*👉त्वचा की स्वच्छता के लिए साबुन की जगह उबटन का प्रयोग करें।*

*👉स्नान करते समय कान में पानी न घुसे इसका ध्यान रखना चाहिए।*

*👉स्नान के बाद मोटे तौलिये से पूरे शरीर को खूब रगड़-रगड़ कर पोंछना चाहिए तथा साफ, सूती, धुले हुए वस्त्र पहनने चाहिए। टेरीकॉट, पॉलिएस्टर आदि सिंथेटिक वस्त्र स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं।*

*👉जिस कपड़े को पहन कर शौच जायें या हजामत बनवायें, उसे अवश्य धो डालें और स्नान कर लें।*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 15 जून 2024*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - नवमी रात्रि 02:32 जून 16 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र - उत्तर फाल्गुनी प्रातः 08.14 तक तत्पश्चात हस्त*
*योग- व्यतिपात रात्रि 08:11 तक तत्पश्चात वरीयान*
*राहु काल - प्रातः 09:17 से प्रातः 10:59 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:27*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 01:07 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:19 जून 16 से रात्रि 01:01 जून 16 तक*
*व्रत पर्व विवरण - महेश नवमी, षडशीति संक्रांति*
*विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के सामान त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹मुलतानी मिट्टी 🔹*

*🔸मुलतानी मिट्टी से स्नान करने पर रोमकूप खुल जाते हैं । इससे रगड़कर स्नान करने पर जो लाभ होते हैं, साबुन से उसके एक प्रतिशत भी लाभ नहीं होते । स्फूर्ति और निरोगता चाहनेवालों को साबुन से बचकर मुलतानी मिट्टी से नहाना चाहिए ।*

*🔸जिसको भी गर्मी हो, पित्त हो, आँखों में जलन होती हो वह मुलतानी मिट्टी का घोल बना के लगाये , थोड़ी देर बैठ जाय, फिर नहाये तो शरीर की गर्मी निकल जायेगी, फायदा होगा ।*

*🔸मुलतानी मिट्टी और आलू का रस मिलाकर चेहरे को लगाओ, चेहरे पर सौदर्य और निखार आयेगा ।*

*🔹शनिवार विशेष🔹*

*🔸ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')*

*🔸शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')*

*🔸हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 16 जून 2024*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - दशमी प्रातः 04:43 जून 17 तक तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र - हस्त प्रातः 11:13 तक तत्पश्चात चित्रा*
*योग- वरीयान रात्रि 09:03 तक तत्पश्चात परिघा*
*राहु काल - शाम 05:45 से शाम 07:27 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:27*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 01:08 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 17 से रात्रि 01:01 जून 17 तक*
*व्रत पर्व विवरण - गंगा दशहरा*
*विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹 गंगा दशहरा (समाप्त) - 16 जून 2024 🔹*

*🔸 गंगा स्नान का फल 🔸*

*🔸 "जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।" (पद्म पुराण , उत्तर खंड)*

*- लोक कल्याण सेतु - दिसंबर 2012*

*🔸गंगा स्नान का मंत्र🔸*

*🔸गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नहीं सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुण्य पाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है..*

*ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा*

*🔸ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है । गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें...*

*🔹नींबू रस के चौकानेवाले फायदे :🔹*

*🔸शरीर में अम्लता (खटाई) के कारण जो विष उत्पन्न होता है उसे नींबू में स्थित पोटेशियम अम्ल नष्ट करता है I*

*🔸नींबू में स्थित विटामिन सी शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है और स्कर्वी रोग में उपयोगी है I नींबू ह्रदय को स्वस्थ रखता है I*

*🔸विपरीत आहार विहार के कारण शरीर में “यूरिक एसिड” बनता है, उसका नाश करने के लिए प्रात: खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस लेना चाहिए I*

*🔸कब्ज, पेशाब में जलन, मन्दाग्नि, रक्तविकार, यकृत की शुद्धि, अजीर्ण, संग्रहणी, आदि रोगों में लाभकारी है I*

*🔸गर्म पानी में नींबू का रस एवं शहद मिलाकर लेने से सर्दी और इन्फ्लूएंजा आदि में पूरी राहत मिलती है I*

*🔸सावधानी : कफ, खाँसी, दमा, सिरदर्द और शरीर में दर्द के स्थाई रोगियों को नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए I*
Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩 pinned «*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *दिनांक - 16 जून 2024* *दिन - रविवार* *विक्रम संवत् - 2081* *अयन - उत्तरायण* *ऋतु - ग्रीष्म* *मास - ज्येष्ठ* *पक्ष - शुक्ल* *तिथि - दशमी प्रातः 04:43 जून 17 तक तत्पश्चात एकादशी* *नक्षत्र - हस्त प्रातः 11:13 तक तत्पश्चात…»
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 17 जून 2024*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - एकादशी प्रातः 4:44 जून 17 से प्रातः 06:24 जून 18 तक, तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र - चित्रा दोपहर 01.50 तक तत्पश्चात स्वाति*
*योग- परिघा रात्रि 09:35 तक तत्पश्चात शिव*
*राहु काल - प्रातः 07:36 से प्रातः 09:17 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:27*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:12 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 18 से रात्रि 01:02 जून 18 तक*
*व्रत पर्व विवरण - एकादशी वृद्धि तिथि*
*विशेष - एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹निर्जला एकादशी महिमा🌹*

*🌹वर्षभर में जितनी एकादशीयाँ होती हैं, उन सबका फल निर्जला एकादशी के सेवन से मनुष्य प्राप्त कर लेता है ।*

*🌹एकादशी व्रत करनेवाले पुरुष के पास विशालकाय, विकराल आकृति और काले रंगवाले दण्ड पाशधारी भयंकर यमदूत नहीं जाते ।*

*🌹स्त्री हो या पुरुष, यदि उसने मेरु पर्वत के बराबर भी महान पाप किया हो तो वह सब इस एकादशी व्रत के प्रभाव से भस्म हो जाता है ।*

*🌹जो मनुष्य उस दिन जल के नियम का पालन करता है, वह पुण्य का भागी होता है । उसे एक एक प्रहर में कोटि कोटि स्वर्णमुद्रा दान करने का फल प्राप्त होता है ।*

*🌹मनुष्य निर्जला एकादशी के दिन स्नान, दान, जप, होम आदि जो कुछ भी करता है, वह सब अक्षय होता है ।*

*🌹 जिन्होंने निर्जला एकादशी को उपवास किया है, वे ब्रह्महत्यारे, शराबी, चोर तथा गुरुद्रोही होने पर भी सब पातकों से मुक्त हो जाते हैं ।*

*🌹जो ‘निर्जला एकादशी’ के दिन ब्राह्मण को पर्याप्त दक्षिणा और भाँति भाँति के मिष्ठान्नों द्वारा सन्तुष्ट करता है उन्हें भगवान श्रीहरि मोक्ष प्रदान करते हैं ।*

*🌹जिन्होंने भगवान श्रीहरि की पूजा और रात्रि में जागरण करते हुए इस ‘निर्जला एकादशी’ का व्रत किया है, उन्होंने अपने साथ ही बीती हुई सौ पीढ़ियों को और आनेवाली सौ पीढ़ियों को भगवान वासुदेव के परम धाम में पहुँचा दिया है ।*

*🌹जो निर्जला एकादशी के दिन श्रेष्ठ ब्राम्हण को अन्न, वस्त्र, गौ, जल, शय्या, सुन्दर आसन, कमण्डलु, जोता तथा छाता दान करता है, वह सोने के विमान पर बैठकर स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है ।*

*🌹जो इस एकादशी की महिमा को भक्तिपूर्वक सुनता अथवा उसका वर्णन करता है, वह स्वर्गलोक में जाता है ।*

*🌹चतुर्दशीयुक्त अमावस्या को सूर्यग्रहण के समय श्राद्ध करके मनुष्य जिस फल को प्राप्त करता है, वही फल इसके श्रवण से भी प्राप्त होता है ।*

*🔸 निर्जला एकादशी आसानी से कैसे करें ?🔸*

*🔹सुबह सूर्योदय से पहले-पहले भरपेट पानी पी लें ।*

*🔹अगर घर में देशी गाय का घी है तो सूर्योदय से पहले ही 25 से 50 ग्राम गुनगुने पानी के साथ ले लें । इससे भूख-प्यास की उग्रता कम होगी, व्रत करने में आसानी होगी ।*

*🔹सूर्योदय से पहले नींबू व मिश्री मिलाकर पानी पी लें तो प्यास कम लगेगी ।*

*🔹दोपहर या शाम के समय मुल्तानी मिट्टी शरीर पर लगाकर आधा या एक घण्टे रखकर स्नान करें तो प्यास नही सताएगी । मुल्तानी में अगर पलाश के पाउडर अथवा छाछ, नींबू मिला ले अथवा इसमे से कोई भी एक चीज मिला ले तो प्यास नहीं सताएगी ।*

*🔹अनावश्यक घर से बाहर न जाए, भागदौड़ न करें जिससे पसीना न बहे । जितना कम पसीना बहेगा उतनी प्यास कम लगेगी, सम्भव हो तो मौन रखें, जप ध्यान करें, सत्संग सुनें, शास्त्र पढ़ें ।*
Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩 pinned «*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *दिनांक - 17 जून 2024* *दिन - सोमवार* *विक्रम संवत् - 2081* *अयन - उत्तरायण* *ऋतु - ग्रीष्म* *मास - ज्येष्ठ* *पक्ष - शुक्ल* *तिथि - एकादशी प्रातः 4:44 जून 17 से प्रातः 06:24 जून 18 तक, तत्पश्चात द्वादशी* *नक्षत्र - चित्रा…»
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 18 जून 2024*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - एकादशी प्रातः 06:24 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र - स्वाति दोपहर 03.56 तक तत्पश्चात विशाखा*
*योग- शिव रात्रि 09:39 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*राहु काल - शाम 04:04 से शाम 05:46 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:27*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 19 से रात्रि 01:02 जून 19 तक*
*व्रत पर्व विवरण - निर्जला एकादशी, गायत्री माता जयंती*
*विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*❇️निर्जला एकादशी विशेष:*

*❇️18 जून को सूर्योदय से पूर्व जल ग्रहण करना है।*
*❇️19 जून को स्थानीय सूर्योदय के बाद निर्जला एकादशी का पारण करना है।*

*🌹निर्जला एकादशी 18 जून 2024🌹*

*🔹एकदाशी में क्या करें, क्या ना करें ?*

*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करे ।*

*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम पाठ करें ।*

*🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l*

*🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए ।*

*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*

*🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाएं । इस दिन फल आहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*

*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें, इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*

*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1बजे तक) ।*

*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*

*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 19 जून 2024*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - द्वादशी प्रातः 07:28 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र - विशाखा शाम 05.23 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*योग- सिद्ध रात्रि 09:12 तक तत्पश्चात साध्य*
*राहु काल - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:23 तक*
*सूर्योदय - 05:55*
*सूर्यास्त - 07:28*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 20 से रात्रि 01:02 जून 20 तक*
*व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🌹 *निर्जला एकादशी व्रत तोड़ने की विधि:-*

*🌹 19 जून को सुबह जल्दी उठकर स्नान करके अपना जप का नियम करके फिर सूर्य को लाल फूल डालकर अर्ध्य दें ।*

*🌹 7 भुने हुए चने को बीच से तोड़कर कुल 14 टुकड़े हाथ मे लेकर खड़े हो जाये*

*🌹 (14 टुकड़ों को ) एक टुकड़ा आगे एक पीछे फेंकते जाएं, कि मेरे समस्त पाप संतापों का नाश हो, अंतःकरण शुद्ध हो ॐ ॐ ॐ*

*🌹 कुछ भुने हुए चने खा लें, जिससे जमा हुआ कफ चने के साथ शरीर से बाहर आ जाये ।*

*🌹 उसके बाद गुनगुने पानी मे नीबू की शिकंजी (सेंधा नमक भी अल्प मात्रा में डालें) बनाकर पियें*

*🌹 एक डेढ़ घण्टे बाद बहुत पतली मूँग (बगैर मिर्च मसाले के हल्दी-धनिया डालकर) अथवा मूंग का पानी एक चम्मच घी डालकर खाएं ।*

*🌹 19 जून को पूरे दिन गुनगुना पानी ही पियें तो अच्छा होगा, कोई भी भारी चीज न खाएं, पूरा दिन मूँग ही खाएं तो अतिउत्तम होगा ।*

*🔹धंधे में बरकत एवं घर के क्लेश मिटाने हेतु🔹*

*🔸घर में अगर कोई मुसीबत है, कोई चिंता है, कोई भूत-प्रेत का साया है, बेरोजगारी है अथवा कुछ गड़बड़ है तो ताबीजों में, डोरे-धागों में और अला बाँधू, बला बाँधू.... भूत बाँधू इन झाड़-फूँक करनेवालों के चक्कर में मत पड़ो । पानी सामने रखो और गुरुगीता का पाठ करके पानी में देखो, फिर 'ॐ गुरु, ॐ गुरु...' जप करके वह पानी घर में छिड़को और तुम पियो । इससे काम-धंधे में बरकत चाहिए तो बरकत होती है, घर के क्लेश मिटाने हैं उसमें भी लाभ होता है तथा तुम्हें और कोई विघ्न-बाधा है तो वह भी दूर होती है ।*
*ऋषि प्रसाद - जून 2023*
Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩 pinned «*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *दिनांक - 19 जून 2024* *दिन - बुधवार* *विक्रम संवत् - 2081* *अयन - उत्तरायण* *ऋतु - ग्रीष्म* *मास - ज्येष्ठ* *पक्ष - शुक्ल* *तिथि - द्वादशी प्रातः 07:28 तक तत्पश्चात त्रयोदशी* *नक्षत्र - विशाखा शाम 05.23 तक तत्पश्चात अनुराधा*…»
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 20 जून 2024*
*दिन - गुरूवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - त्रयोदशी प्रातः 07:49 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*नक्षत्र - अनुराधा शाम 06.10 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*योग- साध्य रात्रि 08:13 तक तत्पश्चात शुभ*
*राहु काल - दोपहर 02:23 से शाम 04:05 तक*
*सूर्योदय - 05:55*
*सूर्यास्त - 07:28*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 21 से रात्रि 01:02 जून 21 तक*
*व्रत पर्व विवरण - कोई नहीं*
*विशेष - चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹युवाधन सुरक्षा (वीर्यरक्षा के उपाय)🔹*

*🔸1. सादा रहन-सहन बनायें - लाल रंग के भड़कीले एवं रेशमी कपड़े नहीं पहनो । तेल-फुलेल और भाँति-भाँति के इत्रों का प्रयोग करने से बचो । जीवन में जितनी तड़क-भड़क बढ़ेगी, इन्द्रियाँ उतनी चंचल हो उठेंगी, फिर वीर्यरक्षा तो दूर की बात है ।*

*🔸2. उपयुक्त आहार - आप स्वादलोलुप नहीं बनो । जिह्वा को नियंत्रण में रखो । क्या खायें, कब खायें, कैसे खायें और कितना खायें इसका विवेक नहीं रखा तो पेट खराब होगा, शरीर को रोग घेर लेंगे, वीर्यनाश को प्रोत्साहन मिलेगा और अपने को पतन के रास्ते जाने से नहीं रोक सकोगे ।*

*🔸3. शिश्नेन्द्रिय स्नान - शौच के समय एवं लघुशंका के समय साथ में गिलास अथवा लोटे में ठंड़ा जल लेकर जाओ और उससे शिश्नेन्द्रिय को धोया करो । कभी-कभी उस पर ठंड़े पानी की धार किया करो । इससे कामवृत्ति का शमन होता है और स्वप्नदोष नहीं होता ।*

*🔸4. उचित आसन एवं व्यायाम करो - जिसका शरीर स्वस्थ नहीं रहता, उसका मन अधिक विकारग्रस्त होता है । इसलिये रोज प्रातः व्यायाम एवं आसन करने का नियम बना लो । रोज प्रातः काल 3-4 मिनट दौड़ने और तेजी से टहलने से भी शरीर को अच्छा व्यायाम मिल जाता है । सूर्यनमस्कार 13 अथवा उससे अधिक किया करो तो उत्तम है । इसमें आसन व व्यायाम दोनों का समावेश होता है ।*

*🔸5. ब्रह्ममुहूर्त में उठो - स्वप्नदोष अधिकांशतः रात्रि के अंतिम प्रहर में हुआ करता है । इसलिये प्रातः चार-साढ़े चार बजे यानी ब्रह्ममुहूर्त में ही शैया का त्याग कर दो । जो लोग प्रातः काल देरी तक सोते रहते हैं, उनका जीवन निस्तेज हो जाता है ।*

*🔸6.दुर्व्यसनों से दूर रहो - शराब एवं बीड़ी-सिगरेट-तम्बाकू का सेवन मनुष्य की कामवासना को उद्यीप्त करता है । नशीली वस्तुओं के सेवन से फेफड़े और हृदय कमजोर हो जाते हैं, सहनशक्ति घट जाती है और आयुष्य भी कम हो जाता है ।अमरीकी डॉक्टरों ने खोज करके बतलाया है कि नशीली वस्तुओं के सेवन से कामभाव उत्तेजित होने पर वीर्य पतला और कमजोर पड़ जाता है ।*

*🔸7.सत्संग करो - आप सत्संग नहीं करोगे तो कुसंग अवश्य होगा । इसलिये मन, वचन, कर्म से सदैव सत्संग का ही सेवन करो ।*

*🔸8. शुभ संकल्प करो - दृढ़ संकल्प करने से वीर्यरक्षण में मदद होती है और वीर्यरक्षण से संकल्पबल बढ़ता है । विश्वासो फलदायकः । जैसा विश्वास और जैसी श्रद्धा होगी वैसा ही फल प्राप्त होगा । ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों में यह संकल्पबल असीम होता है । वस्तुतः ब्रह्मचर्य की तो वे जीती-जागती मुर्ति ही होते हैं ।*

*🔸9. त्रिबन्धयुक्त प्राणायाम और योगाभ्यास करो -  त्रिबन्ध करके प्राणायाम करने से विकारी जीवन सहज भाव से निर्विकारिता में प्रवेश करने लगता है । मूलबन्ध से विकारों पर विजय पाने का सामर्थ्य आता है । उड्डियानबन्ध से आदमी उन्नति में विलक्षण उड़ान ले सकता है । जालन्धरबन्ध से बुद्धि विकसित होती है ।*

*🔸10. स्त्री-जाति के प्रति मातृभाव प्रबल करो श्री रामकृष्ण परमहंस कहा करते थे : “ किसी सुंदर स्त्री पर नजर पड़ जाए तो उसमें माँ जगदम्बा के दर्शन करो । ऐसा विचार करो कि यह अवश्य देवी का अवतार है, तभी तो इसमें इतना सौंदर्य है | माँ प्रसन्न होकर इस रूप में दर्शन दे रही है, ऐसा समझकर सामने खड़ी स्त्री को मन-ही-मन प्रणाम करो । इससे तुम्हारे भीतर काम विकार नहीं उठ सकेगा ।*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 21 जून 2024*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - चतुर्दशी प्रातः 07:31 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
*नक्षत्र - ज्येष्ठा शाम 06:19 तक तत्पश्चात मूल*
*योग- शुभ शाम 06:42 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*राहु काल - प्रातः 11:00 से दोपहर 12:42 तक*
*सूर्योदय - 05:55*
*सूर्यास्त - 07:28*
दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 22 से रात्रि 01:03 जून 22 तक*
*व्रत पर्व विवरण - ज्येष्ठ पूर्णिमा, वटसावित्री व्रत (पूर्णिमांत), अंतराष्ट्रीय योग दिवस*
*विशेष - चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹धन-लाभ के साथ पायें पुण्यलाभ व आरोग्य🔹*

*🔸व्यवसाय में लाभ नहीं हो रहा हो तो शुक्रवार के दिन शाम की संध्या के समय तुलसी के पौधे के पास देशी गाय के घी या तिल के तेल का दीपक जलायें । परब्रह्म-प्रकाशस्वरूपा दीपज्योति को नमस्कार करें और निम्न मंत्रों का उच्चारण करें :*

*दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः ।*
*दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*
*शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखसम्पदाम् ।* *शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*

*🔸इससे धन-लाभ होता है, साथ ही पापों का नाश होता है । शत्रु का विनाश होकर शत्रुओं की वृद्धि रुकती है तथा आयु-आरोग्य की प्राप्ति होती है ।*
*ऋषिप्रसाद - जून 2023*

*🔹आलूप्रेमी सावधान ! आलू-सेवन खतरे से खाली नहीं*

*🔸चरक संहिता में आलू को कंदों में सबसे अधिक अहितकर बताया गया है । आधुनिक शोधकर्ता भी आलू की कई हानियाँ बता रहे हैं । हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार 'तले हुए आलू खाने से चिंता व अवसाद (depres sion) के साथ मोटापा, हृदयरोग, मधुमेह (dia- betes) व तंत्रिका तंत्र (nervous system) संबंधी रोगों का खतरा बढ़ता है ।'*

*🔸यू.के. की फूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी (FSA) ने भी चेताया है कि अधिक पकाये हुए आलू के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है । अमेरिकी मीडिया का कहना है कि 'जो लोग हफ्ते में दो या दो से अधिक बार तले हुए आलू खाते हैं उनकी अकाल मृत्यु का खतरा न खानेवालों की अपेक्षा दुगना हो जाता है ।'*

*🔹ऐसे बनाया जा रहा है तेजाबी आलू🔹*

*🔸उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि कई राज्यों से पुराने आलू को नया बनाने की आ रहीं खबरों ने सबको चौंका दिया है । मुनाफाखोर जमीन में गड्ढा बनाकर उसमें पानी भर देते हैं और तेजाब, मिट्टी व गेरुआ रंग मिला देते हैं फिर कोल्ड स्टोर से निकाले पुराने आलू इस मिश्रण में रखते हैं। तेजाब के प्रभाव से पुराने आलू की ऊपरी परत झुलस जाती है और गेरुआ रंग व मिट्टी उन पर चिपक जाती है ।*

*🔸एक तो आलू प्राकृतिक रूप से ही हानिकारक है, ऊपर से इस प्रकार की मिलावट लोगों के स्वास्थ्य की कब्र खोदने का काम कर रही है । स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधान करते हुए कहा है कि 'तेजाबी आलू न सिर्फ लीवर को बल्कि शरीर के सभी तंत्रों को नुकसान पहुँचाते हैं ।'*

*🔹सड़े आलुओं का हो रहा है व्यंजनों में उपयोग🔹*

*🔸आलू से बने व्यंजन, जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं, उनकी असलियत बड़ी भयानक देखने को मिल रही है । आलुओं थोक विक्रेताओं के यहाँ से २८५ किलो से अधिक सड़े आलू बरामद किये गये, जिन्हें विशेषरूप से शहर के पानीपूरी विक्रेताओं को कम दाम में बेचा जा रहा था । इसके अलावा देश के विभिन्न भागों से चाट पकौड़े के विक्रेताओं, होटलों आदि द्वारा सड़े आलू खरीदने की घटनाएँ भी आये दिन सामने आती रहती हैं । ऐसे में जरा सोचिये कि बर्गर, चिप्स, आलू टिक्की आदि आलू से बने जिन पदार्थों को इन सबसे अनजान लोग बड़े चाव से खाते हैं वे स्वास्थ्य की दृष्टि से कितने घातक !*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 22 जून 2024*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - पूर्णिमा प्रातः 06:37 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - मूल शाम 05:54 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*
*योग- शुक्ल शाम 04:45 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
*राहु काल - प्रातः 09:21 से प्रातः 11:01 तक*
*सूर्योदय - 05:55*
*सूर्यास्त - 07:28*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 23 से रात्रि 01:03 जून 23 तक*
*व्रत पर्व विवरण - संत कबीर जयंती, गुरु हरगोबिंद सिंह जयंती*
*विशेष - प्रतिपदा को कुष्मांड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करनेवाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹गुलाब चूर्ण🌹*

*🔹यह विटामिन ‘ए’ व ‘सी’ तथा कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज आदि पोषक तत्त्वों स भरपूर है ।*

*🔹इससे नियमित मंजन करने से दाँत एवं मसूड़े मजबूत होते हैं । यह मुँह की दुर्गंध, दाँतों का हिलना, दाँतों का दर्द, मसूड़ों से खून आना, मसूड़ों की सूजन आदि दंत-रोगों में लाभदायी है ।*

*🔹इसके सेवन से यकृत (liver), आमाशय एवं हृदय को बल मिलता है । बढ़ती उम्र के कारण त्वचा पर आनेवाली झुर्रियाँ कम होकर त्वचा में निखार आता है ।*

*जोड़ों के दर्द एवं सूजन, मधुमेह (diabetes), हृदयरोग, आमाशय व्रण (peptic ulcer), दस्त, रक्तस्राव आदि रोगों में लाभदायी है ।*

*🔹अधिक पसीना व शरीर से दुर्गंध आने पर इसके चूर्ण से मलकर स्नान करें ।*

*🔹इसका धूप करने से वातावरण में ताजगी, पवित्रता एवं मस्तिष्क में स्फूर्ति का संचार होता है।*

*🌹शनिवार के दिन विशेष प्रयोग*

*🔹 'ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं - 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी । जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी ।' ( ब्रह्म पुराण )*

*🔹शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मन्त्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । ( ब्रह्म पुराण )*

*🔹हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*

*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*

*🔹ऋषिप्रसाद – मई 2018 से*

*🔹जो लोग शनिवार को क्षौर कर्म कराते हैं उनके आयुष्य क्षीण होता है, अकाल मृत्यु अथवा दुर्घटना का भय रहेगा।*
Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩 pinned «*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *दिनांक - 22 जून 2024* *दिन - शनिवार* *विक्रम संवत् - 2081* *अयन - उत्तरायण* *ऋतु - ग्रीष्म* *मास - ज्येष्ठ* *पक्ष - शुक्ल* *तिथि - पूर्णिमा प्रातः 06:37 तक तत्पश्चात प्रतिपदा* *नक्षत्र - मूल शाम 05:54 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*…»
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 23 जून 2024*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - आषाढ़*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि -  द्वितीय प्रातः 03:25 जून 24 तक तत्पश्चात तृतीया*
*नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा शाम 05:03 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा*
*योग- ब्रह्म दोपहर 02:27 तक तत्पश्चात इंद्र*
*राहु काल - शाम 05:40 से शाम 07:19 तक*
*सूर्योदय - 05:55*
*सूर्यास्त - 07:28*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
* अभिजीत मुहूर्त -  दोपहर 12:14 से  दोपहर 01:09 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 24 से रात्रि 01:03 जून 24 तक*
*व्रत पर्व विवरण - विद्यालाभ योग, त्रिपुष्कर योग (शाम 05:03 से प्रातः 03:25 जून 24 तक), सर्वार्थसिद्धि योग (शाम 05:03 से प्रातः 06:03 जून 24 तक)*
*विशेष - द्वितीय को बृहति (छोटा बैंगन, कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹रविवार विशेष🔹*

*🔹रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔹रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔹रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔹रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔹स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔹रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्ष करना निषेध है ।*

*🔹रविवार के दिन तुलसी पत्त्ता तोड़ना वर्जित है ।*

*🔹कोई आपको शत्रु मान के परेशान करता हो तो ...*

*🔹कोई आपको शत्रु मान के परेशान करता हो तो प्रतिदिन प्रात:काल पीपल के नीचे वृक्ष के दक्षिण की ओर अरंडी के तेल का दीपक जलायें तथा थोड़ी देर गुरुमंत्र या भगवन्नाम जपें और उस व्यक्ति को भगवान सद्बुद्धि दें तथा मेरा, उसका-सबका मंगल हो ऐसी प्रार्थना करें । कुछ दिनों तक ऐसा करने से शत्रु शनै: शनै : दब जाते हैं व शत्रु पीड़ा धीरे-धीरे दूर हो जाती है ।*

*ऋषिप्रसाद – अगस्त २०२०*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 24 जून 2024*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - आषाढ़*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि -  तृतीया रात्रि 01:23 जून 25 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा दोपहर 03:54 तक तत्पश्चात श्रवण*
*योग- इंद्र सुबह 11:52 तक तत्पश्चात वैधृति*
*राहु काल - प्रातः 07:42 से प्रातः 09:22 तक*
*सूर्योदय - 05:55*
*सूर्यास्त - 07:28*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
* अभिजीत मुहूर्त -  दोपहर 12:14 से  दोपहर 01:09 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 25 से रात्रि 01:03 जून 25 तक*
*व्रत पर्व विवरण - विद्यालाभ योग, सर्वार्थसिद्धि योग (दोपहर 03:54 से प्रातः 06:03 जून 25 तक)*
*विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹लक्ष्मी के नाराज होने के कारण🔹*

*१] कमल-पुष्प, बिल्वपत्र को लाँघने अथवा पैरों से कुचलने पर लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती हैं ।*

*२] जो निर्वस्त्र होकर स्नान करता है, नदियों, तालाबों के जल में मल-मूत्र त्यागता है उसको लक्ष्मी अपने शत्रु कर्ज के हवाले कर देती हैं ।*

*३] जो भूमि या भवन की दीवारों पर अनावश्यक लिखता है, कुत्सित अन्न खाता है उस पर भी लक्ष्मी कृपा नहीं करती हैं ।*

*४] जो पैर से पैर रगडकर धोता है, अतिथियों का सम्मान नहीं करता, याचकों को दुत्कारता है, पशु-पक्षियों को चारा, दाना आदि नहीं डालता है, गाय पर प्रहार करता है, ऐसे व्यक्ति को लक्ष्मी तुरंत छोड़ देती हैं ।*

*५] जो संध्या के समय घर-प्रतिष्ठान में झाड़ू लगाता है, जो प्रात: एवं संध्याकाल में ईश्वर की आराधना नहीं करता, तुलसी के पौधे की उपेक्षा, अनादर करता है उसको लक्ष्मी उसके दुर्भाग्य के हाथों में सौंप देती हैं ।* *ऋषिप्रसाद – जून २०१९ से*

*🔹स्त्री संबंधी कोई तकलीफ हो तो🔹*

*स्त्री संबंधी कोई तकलीफ हो तो रात को सवा लीटर पानी रख दो ... सुबह ज्यादा ठंडा हो तो थोड़ा गरम पानी मिला दो .... ७ तुलसी के पत्ते खा लो .... पानी पी लो .... फिर थोड़ा घूमो .... 8 दिन के अन्दर स्त्री संबंधी कई बीमारी भाग जाएगी ..... मासिक संबंध की कई तकलीफ ठीक हो जाएगी .... अधिक आना... देर से आना... पीड़ा से आना सब ठीक हो जायेगा .... कब्जियत भी ठीक हो जाएगी ।*
*🌹- पूज्य बापूजी लुधियाना 23/11/2011*
2024/06/24 13:00:33
Back to Top
HTML Embed Code: